रागं: मालवि
आ: स रि2 ग3 म1 प म1 द2 नि2 स
अव: स नि2 द2 प म1 ग3 म1 रि2 स
तालं: आदि
पल्लवि
नारायणाच्युतानन्त गोविन्द हरि ।
सारमुग नीकु ने शरणण्टिनि ॥ (2)
चरणं 1
चलुवयुनु वेडियुनु नटल संसारम्बु
तॊलकु सुखमॊकवेल दुःखमॊकवेल । (2)
फलमुलिवॆ यी रॆण्डु पापमुलु पुण्यमुलु
पुलुपु दीपुनु गलपि भुजियिञ्चिनट्लु ॥ (2)
नारायणाच्युतानन्त गोविन्द हरि..(प..)
चरणं 2
पगलु रात्रुलरीति बहुजन्म मरणालु
तगुमेनु पॊडचूपु तनुदानॆ तॊलगु । (2)
नगियिञ्चु नॊकवेल नलगिञ्चु नॊकवेल
वॊगरु कारपु विडॆमु उब्बिञ्चिनट्लु ॥ (2)
नारायणाच्युतानन्त गोविन्द हरि..(प..)
चरणं 3
इहमु परमुनु वलॆनॆ यॆदिटिकल्लयु निजमु
विहरिञ्चु भ्रान्तियुनु विभ्रान्तियुनु मतिनि । (2)
सहज श्री वेङ्कटेश्वर नन्नु करुणिम्प
बहुविधम्बुल नन्नु पालिञ्चवे ॥ (2)
नारायणाच्युतानन्त गोविन्द हरि
सारमुग नीकु ने शरणण्टिनि ॥ (2)