रागम्: धीर शंकराभरणं
आ: स रि2 ग3 म1 प द2 नि3 स
अव: स नि3 द2 प म1 ग3 रि2 स
तालं: आदि
पल्लवि
विश्वरूपमिदिवो विष्णुरूपमिदिवो
शाश्वतुलमैतिमिंक जयमु नाजन्ममु ॥ (2.5)
चरणं 1
कॊंडवंटि हरिरूपु गुरुतैन तिरुमल
पंडिन वृक्षमुले कल्पतरुवुलु । (1.5)
निंडिन मृगादुलॆल्ल नित्यमुक्तजनमुलु
मॆंडुग प्रत्यक्षमायॆ मेलुवोनाजन्ममु ॥
विश्वरूपमिदिवो विष्णुरूपमिदिवो (प.)
चरणं 2
मेडवंटि हरिरूपु मिंचैनपैडि गोपुर
माडने वालिन पक्षुल मरुलु । (1.5)
वाडल कोनेटि चुट्ल वैकुंठ नगरमु
यीडमाकु पॊडचूपॆ इहमेपोपरमु ॥
विश्वरूपमिदिवो विष्णुरूपमिदिवो (प.)
चरणं 3
कोटिमदनुलवंटि गुडिलो चक्कनि मूर्ति
यीटुलेनि श्री वेंकटेशुडितडु । (1.5)
वाटपु सॊम्मुलु मुद्र वक्षपुटलमेल्मंग
कूटुवैनन्नेलिति यॆक्कुवनोनातापमु ॥
विश्वरूपमिदिवो विष्णुरूपमिदिवो
शाश्वतुलमैतिमिंक जयमु नाजन्ममु ॥ (2.5)