रागं: बहुदारि
28 हरिकांबोजि जन्य
आ: स ग3 म1 प द2 नि2 स
अव: स नि2 प म1 ग3 स
तालं: देशादि
पल्लवि
ब्रोव भारमा, रघु राम
भुवनमॆल्ल नेवै, नन्नॊकनि
अनुपल्लवि
श्री वासुदेव! अंड कोट्ल
कुक्षिनि उंचुकोलेदा, नन्नु
ब्रोव भारमा, रघु राम.. (प..)
चरणं 1
कलशांबुधिलो दयतो
अमरुलकै, अदि गाक
गोपिकलकै कॊंडलॆत्त लेदा
करुणाकर, त्यागराजुनि
ब्रोव भारमा, रघु राम
भुवनमॆल्ल नेवै, नन्नॊकनि