(राग – सौराष्ट्र, आदिताल)
जय जय जगत्राण जगदॊलगॆ सुत्राण
अखिलगुण सद्धाम मध्वनाम ॥ प ॥
आव कच्छप रूपदिन्दलण्डोदकव
ओवि धरिसिद शेषमूरुतियनु
आववन बलिविडिदु हरिय सुररैय्दुवरु
आ वायु नम्म कुलगुरुरायनु ॥ 1 ॥
आववनु देहदॊलगिरलु हरि नॆलसिहनु
आववनु तॊलगॆ हरि ता तॊलगुव
आववनु देहदा ऒल हॊरगॆ नियामकनु
आ वायु नम्म कुलगुरुरायनु ॥ 2 ॥
करुणाभिमानि सुररु देहव बिडलु
कुरुड किवुड मूकनॆन्दॆनिसुव
परम मुख्य प्राण तॊलगला देहवनु
अरितु पॆणनॆन्दु पेलुवरु बुधजन ॥ 3 ॥
सुररॊलगॆ नररॊलगॆ सर्वभूतगलॊलगॆ
परतरनॆनिसि नियामिसि नॆलसिह
हरियनल्लदॆ बगॆय अन्यरनु लोकदॊलु
गुरुकुलतिलक मुख्य पवमाननु ॥ 4 ॥
त्रेतॆयलि रघुपतिय सेवॆ माडुवॆनॆन्दु
वातसुत हनुमन्तनॆन्दॆनिसिद
पोत भावदि तरणि बिम्बक्कॆ लङ्घिसिद
ईतगॆणॆयारु मूलोकदॊलगॆ ॥ 5 ॥
तरणिगभिमुखनागि शब्दशास्त्रव पठिसि
उरवणिसि हिन्दुमुन्दागि नडॆद
परम पवमान सुत उदयास्त शैलगल
भरदियैदिदगीतगुपमॆ उण्टे ॥ 6 ॥
अखिल वेदगल सार पठिसिदनु मुन्नल्लि
निखिल व्याकरणगल इव पेलिद
मुखदल्लि किञ्चिदपशब्द इवगिल्लॆन्दु
मुख्यप्राणननु रामननुकरिसिद ॥ 7 ॥
तरणिसुतननु काय्दु शरधियनु नॆरॆदाटि
धरणिसुतॆयल कण्डु धनुजरॊडनॆ
भरदि रणवनॆ माडि गॆलिदु दिव्यास्त्रगल
उरुहि लङ्कॆय बन्द हनुमन्तनु ॥ 8 ॥
हरिगॆ चूडामणियनित्तु हरिगल कूडि
शरधियनु कट्टि बलु रक्कसरनु
ऒरसि रणदलि दशशिरन हुडिगुट्टिद
मॆरॆद हनुमन्त बलवन्त धीर ॥ 9 ॥
उरगबन्धकॆ सिलुकि कपिवररु मैमरॆयॆ
तरणिकुलतिलकनाज्ञॆय तालिद
गिरिसहित सञ्जीवनव कित्तु तन्दित्त
हरिवरगॆ सरियुण्टॆ हनुमन्तगॆ ॥ 10 ॥
विजय रघुपति मॆच्चि धरणिसुतॆयलिगीयॆ
भजिसि मौक्तिकद हारवनु पडॆद
अजपदवियनु राम कॊडॆवॆनॆनॆ हनुमन्त
निज भकुतियनॆ बेडि वरव पडॆद ॥ 11 ॥
आ मारुतनॆ भीमनॆनिसि द्वापरदल्लि
सोमकुलदलि जनिसि पार्थनॊडनॆ
भीम विक्रम रक्कसर मुरिदॊट्टिद
आ महिम नम्म कुलगुरुरायनु ॥ 12 ॥
करदिन्द शिशुभावनाद भीमन बिडलु
गिरवडिदु शतशृङ्गवॆन्दॆनितु
हरिगल हरिगलिं करिगल करिगलिं
अरॆव वीररिगॆ सुर नररु सरिये ॥ 13 ॥
कुरुप गरलवनिक्कॆ नॆरॆ उण्डु तेगि
हसिदुरगगल म्यालॆ बिडलदनॊरसिद
अरगिनरमनॆयल्लि उरियनिक्कलु वीर
धरिसि जाह्नविगॊय्द तन्ननुजर ॥ 14 ॥
अल्लिर्द बक हिडिम्बकरॆम्ब रक्कसर
निल्लदॊरसिद लोककण्टकरनु
बल्लिदसुरर गॆलिदु द्रौपदिय कैविडिदु
ऎल्ल सुजनरिगॆ हरुषव तोरिद ॥ 15 ॥
राजकुल वज्रनॆनिसिद मागधन सीलि
राजसूयागवनु माडिसिदनु
आजियॊलु कौरवर बलव सवरुवॆनॆन्दु
मूजगवरियॆ कङ्कण कट्टिद ॥ 16 ॥
दानवर सवरबेकॆन्दु ब्याग
माननिधि द्रौपदिय मनदिङ्गितवनरितु
काननव पॊक्कु किम्मारादिगल मुरिदु
मानिनिगॆ सौगन्धिकवनॆ तन्द ॥ 17 ॥
दुरुल कीचकनु ता द्रौपदिय चॆलुविकॆगॆ
मरुलागि करकरिय माडलवना
गरडि मनॆयलि बरसि अवनन्वयव
कुरुपनट्टिद मल्लकुलव सदॆद ॥ 18 ॥
कौरवर बल सवरि वैरिगल नॆग्गॊत्ति
ओरन्तॆ कौरवन मुरिदु मॆरॆद
वैरि दुश्शासन्न रणदल्लि ऎडगॆडहि
वीर नरहरिय लीलॆय तोरिद ॥ 19 ॥
गुरुसुतनु सङ्गरदि नारायणास्त्रवनु
उरवणिसि बिडलु शस्त्रव बिसुटरु
हरिकृपॆय पडॆदिर्द भीम हुङ्कारदिं
हरिय दिव्यास्त्रवनु नॆरॆ अट्टिद ॥ 20 ॥
चण्ड विक्रमनु गदॆगॊण्डु रणदि भू
मण्डलदॊलिदिरान्त खलरनॆल्ला
हिण्डि बिसुटिह वृकोदरन प्रतापवनु
कण्डु निल्लुवरारु त्रिभुवनदॊलु ॥ 21 ॥
दानवरु कलियुगदॊलवतरिसि विबुधरॊलु
वेनन मतवनरुहलदनरितु
ज्ञानि ता पवमान भूतलदॊलवतरिसि
माननिधि मध्वाख्यनॆन्दॆनिसिद ॥ 22 ॥
अर्भकतनदॊलैदि बदरियलि मध्वमुनि
निर्भयदि सकल शास्त्रव पठिसिद
उर्वियॊलु मायॆ बीरलु तत्त्वमार्गवनु
ओर्व मध्वमुनि तोर्द सुजनर्गॆ ॥ 23 ॥
सर्वेश हरि विश्व ऎल्ल ता पुसियॆम्ब
दुर्वादिगल मतव नॆरॆ खण्डिसि
सर्वेश हरि विश्व सत्यवॆन्दरुहिदा
शर्वादि गीर्वाण सन्ततियलि ॥ 24 ॥
बदरिकाश्रमकॆ पुनरपियैदि व्यासमुनि
पदकॆरगि अखिल वेदार्थगलनु
पदुमनाभन मुखदि तिलिदु ब्रह्मत्व
यैदिद मध्वमुनिरायगभिवन्दिपॆ ॥ 25 ॥
जय जयतु दुर्वादिमततिमिर मार्ता0ड
जयजयतु वादिगजपञ्चानन
जयजयतु चार्वाकगर्वपर्वतकुलिश
जयजयतु जगन्नाथ मध्वनाथ ॥ 26 ॥
तुङ्गकुल गुरुवरन हृत्कमलदलि निलिसि
भङ्गविल्लदॆ सुखव सुजनकॆल्ल
हिङ्गदॆ कॊडुव नम्म मध्वान्तरात्मक
रङ्गविठलनॆन्दु नॆरॆ सारिरै ॥ 27 ॥
फलश्रुति (जगन्नाथदास विरचित)
सोम सूर्योपरागदि गोसहस्रगल
भूमिदेवरिगॆ सुरनदिय तटदि
श्रीमुकुन्दार्पणवॆनुत कॊट्ट फलमक्कु
ई मध्वनाम बरॆदोदिदर्गॆ ॥ 1 ॥
पुत्ररिल्लदवरु सत्पुत्ररैदुवरु
सर्वत्रदलि दिग्विजयवहुदु सकल
शत्रुगलु कॆडुवरपमृत्यु बरलञ्जुवुदु
सूत्रनामकन संस्तुति मात्रदि ॥ 2 ॥
श्रीपादराय पेलिद मध्वनाम सं
तापकलॆदखिल सौख्यवनीवुदु
श्रीपति जगन्नाथविठलन तोरि भव
कूपारदिन्द कडॆ हायिसुवुदु ॥ 3 ॥