अनंत पद्मनाभ स्वामि अष्टोत्तर शत नामावलि
ॐ कृष्णाय नमः ॐ कमलनाथाय नमः ॐ वासुदेवाय नमः ॐ सनातनाय नमः ॐ वसुदेवात्मजाय नमः ॐ पुण्याय नमः ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः ॐ वत्स कौस्तुभधराय नमः ॐ यशोदावत्सलाय नमः ॐ हरिये नमः ॥ 10 ॥ ॐ चतुर्भुजात्त सक्रासिगदा नमः ॐ शंखांबुजायुधायुजा नमः ॐ देवकीनंदनाय नमः ॐ श्रीशाय नमः ॐ नंदगोपप्रियात्मजाय नमः ॐ यमुनावेद संहारिणे नमः ॐ बलभद्र प्रियानुजाय नमः ॐ पूतनाजीवित हराय नमः ॐ शकटासुर भंजनाय नमः ॐ नंदव्रजजनानंदिने नमः ॥ 20 ॥ ॐ सच्चिदानंद विग्रहाय नमः ॐ नवनीत विलिप्तांगाय नमः ॐ अनघाय नमः ॐ नवनीतहराय नमः ॐ मुचुकुंद प्रसादकाय नमः ॐ षोडशस्त्री सहस्रेशाय नमः ॐ त्रिभंगिने नमः ॐ मधुराक्रुतये नमः ॐ शुकवागमृताब्दींदवे नमः ॥ 30 ॥ ॐ गोविंदाय नमः ॐ योगिनांपतये नमः ॐ वत्सवाटिचराय नमः ॐ अनंतय नमः ॐ धेनुकासुर भंजनाय नमः ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः ॐ यमलार्जुन भंजनाय नमः ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः ॐ तमालश्यामला कृतिये नमः ॐ गोपगोपीश्वराय नमः ॐ योगिने नमः ॐ कोटिसूर्य समप्रभाय नमः ॥ 40 ॥ ॐ इलापतये नमः ॐ परंज्योतिषे नमः ॐ यादवेंद्राय नमः ॐ यदूद्वहाय नमः ॐ वनमालिने नमः ॐ पीतवसने नमः ॐ पारिजातापहरकाय नमः ॐ गोवर्थनाच लोद्दर्त्रे नमः ॐ गोपालाय नमः ॐ सर्वपालकाय नमः ॥ 50 ॥ ॐ अजाय नमः ॐ निरंजनाय नमः ॐ कामजनकाय नमः ॐ कंजलोचनाय नमः ॐ मधुघ्ने नमः ॐ मधुरानाथाय नमः ॐ द्वारकानायकाय नमः ॐ बलिने नमः ॐ बृंदावनांत संचारिणे नमः ॥ 60 ॥ तुलसीदामभूषनाय नमः ॐ शमंतकमणेर्हर्त्रे नमः ॐ नरनारयणात्मकाय नमः ॐ कुज्ज कृष्णांबरधराय नमः ॐ मायिने नमः ॐ परम पुरुषाय नमः ॐ मुष्टिकासुर चाणूर नमः ॐ मल्लयुद्दविशारदाय नमः ॐ संसारवैरिणे नमः ॐ कंसारये नमः ॐ मुरारये नमः ॥ 70 ॥ ॐ नरकांतकाय नमः ॐ क्रिष्णाव्यसन कर्शकाय नमः ॐ शिशुपालशिर च्चेत्रे नमः ॐ दुर्योदन कुलांतकाय नमः ॐ विदुराक्रूरवरदाय नमः ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः ॐ सत्यवाचे नमः ॐ सत्यसंकल्पाय नमः ॐ सत्यभामारताय नमः ॐ जयिने नमः ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः ॥ 80 ॥ ॐ विष्णवे नमः ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः ॐ जगद्गुरवे नमः ॐ जगन्नाथाय नमः ॐ वेणुनाद विशारदाय नमः ॐ वृषभासुर विद्वंसिने नमः ॐ बाणासुर करांतकृते नमः ॐ युधिष्टिर प्रतिष्टात्रे नमः ॐ बर्हिबर्हा वतंसकाय नमः ॐ पार्धसारदिये नमः ॥ 90 ॥ ॐ अव्यक्ताय नमः ॐ गीतामृत महॊधधिये नमः ॐ कालीय फणिमाणिक्यरं नमः ॐ जित श्रीपदांबुजाय नमः ॐ दामोदराय नमः ॐ यज्ञ भोक्त्रे नमः ॐ दानवेंद्र विनाशकाय नमः ॐ नारायणाय नमः ॐ परब्रह्मणे नमः ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः ॥ 100 ॥ ॐ जलक्रीडा समासक्त गोपी वस्त्रापहर काय नमः ॐ पुण्य श्लोकाय नमः ॐ तीर्ध कृते नमः ॐ वेद वेद्याय नमः ॐ दयानिधये नमः ॐ सर्व तीर्धात्मकाय नमः ॐ सर्वग्र हरूपिणे नमः ॐ ॐ परात्पराय नमः ॥ 108 ॥
श्री अनंत पद्मनाभ अष्टोत्तर शतनामावलि संपूर्णम्
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