View this in:
English Devanagari Telugu Tamil Kannada Malayalam Gujarati Odia Bengali  |
Marathi Assamese Punjabi Hindi Samskritam Konkani Nepali Sinhala Grantha  |
This document is in सरल देवनागरी script with simplified anusvaras. View this in शुद्ध देवनागरी (संस्कृतम्), with appropriate anusvaras marked.

हनुमान् सुप्रभातं

श्री आंजनेय सुप्रभातमु
अमल कनकवर्णं प्रज्वल त्पावकाक्षं
सरसिज निभवक्त्रं सर्वदा सुप्रसन्नम् ।
पटुतर घनगात्रं कुंडलालंकृतांगं
रण जय करवालं रामदूतं नमामि ॥

अंजना सुप्रजा वीर पूर्वा संध्या प्रवर्तते
उत्तिष्ठ हरिशार्दूल कर्तव्यं दैवमाह्निकम् ।
उत्तिष्टोत्तिष्ठ हनुमान् उत्तिष्ठ विजयध्वज
उत्तिष्ठ विरजाकांत त्रैलोक्यं मंगलंकुरु ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

श्री रामचंद्र चरणांबुज मत्तभृंग
श्री रामचंद्र जपशील भवाब्धिपोत ।
श्री जानकी हृदयताप निवारमूर्ते
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

श्री राम दिव्य चरितामृत स्वादुलोल
श्री राम किंकर गुणाकर दीनबंधो ।
श्री रामभक्त जगदेक महोग्रशौर्यं
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

सुग्रीवमित्र कपिशेखर पुण्य मूर्ते
सुग्रीव राघव नमागम दिव्यकीर्ते ।
सुग्रीव मंत्रिवर शूर कुलाग्रगण्य
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

भक्तार्ति भंजन दयाकर योगिवंद्य
श्री केसरीप्रिय तनूज सुवर्णदेह ।
श्री भास्करात्मज मनोंबुज चंचरीक
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

श्री मारुतप्रिय तनूज महबलाढ्य
मैनाक वंदित पदांबुज दंडितारिन् ।
श्री उष्ट्र वाहन सुलक्षण लक्षितांग
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

पंचाननस्य भवभीति हरस्यराम
पादाब्द सेवन परस्य परात्परस्य ।
श्री अंजनाप्रिय सुतस्य सुविग्रहस्य
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

गंधर्व यक्ष भुजगाधिप किन्नराश्च
आदित्य विश्ववसु रुद्र सुरर्षिसंघाः ।
संकीर्तयंति तवदिव्य सुनामपंक्तिं
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

श्री गौतम च्यवन तुंबुर नारदात्रि
मैत्रेय व्यास जनकादि महर्षिसंघाः ।
गायंति हर्षभरिता स्तव दिव्यकीर्तिं
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

भृंगावली च मकरंद रसं पिबेद्वै
कूजंत्युतार्ध मधुरं चरणायुधाच्च ।
देवालये घन गभीर सुशंख घोषाः
निर्यांति वीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

पंपा सरोवर सुपुण्य पवित्र तीर्ध-
मादाय हेम कलशैश्च महर्षिसंघाः ।
तिष्टंति त्वक्चरण पंकज सेवनार्थं
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]

श्री सूर्यपुत्र प्रियनाथ मनोज्ञमूर्ते
वातात्मज कपिवीर सुपिंगलाक्ष
संजीवराय रघुवीर सुभक्तवर्य
श्री वीर धीर हनुमान् तव सुप्रभातम् ॥
[श्री राम भक्त अभय हनुमान् तवसुप्रभातम् ॥]




Browse Related Categories: